चीरकर हर दिन निशा के गहन अंधकार को, एक नई उम्मीद प्रदान करता इस संसार को, चीरकर हर दिन निशा के गहन अंधकार को, एक नई उम्मीद प्रदान करता इस संसार को,
और एक बार फ़िर मेरी शाम सिंदूरी हो जाए। और एक बार फ़िर मेरी शाम सिंदूरी हो जाए।
जीवन का हर एक चित्र जब श्वेत श्याम था ना जीवन में रंग था ना रंगो का नाम था। जीवन का हर एक चित्र जब श्वेत श्याम था ना जीवन में रंग था ना रंगो का नाम...
सुबह की भोर वो सूरज की बाँहों में हम घिरे महकती जुल्फों में तुम हमारे उलझे। सुबह की भोर वो सूरज की बाँहों में हम घिरे महकती जुल्फों में तुम हमारे उलझे।
भभक रहा तू, धधक रहा , जैसे कि देगा सब कुछ जला , भागते सब इधर उधर, छाया के हों शरण पड़ा ....... भभक रहा तू, धधक रहा , जैसे कि देगा सब कुछ जला , भागते सब इधर उधर, छाया के हों शर...
यौवन की तरह प्रस्फुटित कमल दल खिला। यौवन की तरह प्रस्फुटित कमल दल खिला।